सिकायत

हर पल याद सताती है
हर पल याद रुलाती है
तुमसे मिलने को यह दिल बेकरार है
क्या तुम्हे इस दिल कि कोइ परवा नहीं है
अगर तुम्हे इस दिल कि कोई परवा नहीं है
मुझे नहीं रहना है इस माया संसार में
जहाँ नहीं हो तुम

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