खत माँ के लिए

है माँ मुझे अपने अन्दर समाले
हमे अपनी आँचल में छूपाले
बस तु हि एक अपनी है
हर किसीने हमे आजमाया है
एक तेरे सिबा अब कोइ अछा नहीं लगता है

Comments

Popular posts from this blog

जन्मदिन

बेवफ़ा