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Showing posts from December, 2020

बेसब्री

वो शाम याद आती है जिसका बेसब्री से हम इंतजार करते थे

आईना

आईना सच कहता है इसलिए सब को पसंद नहीं आता है

तुम्हारी चुपी

कुछ कहो तुम कबतक यूँही चुप बेठोगे तुम्हारी चुपी जान ले लेती है मेरी

बंधन

तू हमे चाहने लगा है पर कई सारे बंधन है जो तुझे रोक लेंगे हमे पता है तू हमे चाहने लगा है

दरबाजे के उसपार

दरबाजे के उसपार कोई है कोई है जो हमारा इंतजार कर रहा है

सुकून

बहुत दिनों के बाद तुझसे बात किया तुझे मिलकर सुकून आया

इंतजार

तुम्हें बहुत जल्दी थी इसलिए तो मेरा इंतजार नहीं किया

ए जिंदगी

क्यों हमसे रूठ गई हो क्या गलती थी हमारी हमसे क्यों मुंह मोड़ ली हो कुछ तो बता ए जिंदगी.

खलनायक

समय के साथ ताल न पड़ा इसलिए शराफत की दुनिया में खलनायक का खिताब मिला

कौन सा दौर

न जाने कौन सा दौर है उम्र का सबकुछ हो कर भी कुछ नहीं होने का एहसास है