Posts

Showing posts from November, 2020

कुछ अपने लिए

थोड़ा समय थोड़ा प्यार थोड़ा अहमियत तो खुद को फिर काया ही पलट जाएगी तुम्हारी..

सिर्फ तुम

कहां खो गई हो तुम, मेरी नज़रे आज भी तुम्हें ढूंढ रही है. नजरो में सिर्फ तू बसा हुआ है

तेरा दीदार

तेरे दर पे चल के आये है हम सिर्फ एकबार तेरा दीदार करना है हमसे यु तेरी बेरूखी अब बर्दास्त नहीं होती एकबार कहकर तो देख तेरे पेरो तले नाचीस का सर भी हाजिर होगा

कैसी दुबिधा

न जाने कैसी दुबिधा यह है कुछ पाने की आश नहीं कुछ खोने का डर नहीं फिर भी अधूरा सा लगता है

ज़िंदा लाश

तुझे क्या कहो मेरे यार हम हो गए है लाचार न तुमने हमें खुद संभाला न किसी और को संभालने दिया तेरी मोहबत ने हमें ज़िंदा लाश बना दिया

वक़्त

जब हम तुमको चाहते थे तुम्हे कदर नहीं थी आज तुम चाहते हो हमें वक़्त नहीं है अजीब यह मोहबत है वक़्त कैसे करबटें बदलता है......

बहुत याद अति हो तूम

बहुत याद अति हो तूम न जाने कैसी है दूरियां चाहते है तुम्हे फिर भी बुला न सके बहुत याद अति हो तूम

दुनिया हो जाएगी लहू-लुहान

केसे कहे हम तुमसे दूर होकर भी हमे दर्द होता है अगर हम तुम्हें कह देंगे तो कायनात रूठ जाएगी तुम बिखर जाओगे सबकुछ बिखर जाएगा दुनिया लहू-लुहान हो जाएगी

जजबात

जजबातों का सिलसिला युही चलता जाएगा चाहे कोई मुझे समझे या नहीं हम मोहाबत की समुदर को भरते रहेंगे उम्र भर चाहे हमे कुछ मिले या न मिले....