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Showing posts from February, 2020

क्यों

तुम जितना भुलाने कि कोशिश करोगे मैं उतनी याद आऊँगी तुम जितना दुर जाने कि कोशिश करोगे मैं उतनी पास आऊँगी तुम जितना जलाने कइ कोशिश मैं उतनी हि प्यार तुम्हे करोंगि तुम जितना सताने कि कोशिश करोगे मैं उतनी करीब आऊँगी तुम जितना फ़ासला बढ़ाने कि कोशिश करोगे में उतनी करीब आऊँगी चाहे तुम लाख कोशिश करो मुझसे दुर होने कि मगर मैं हमेशा तुम में रहोंगि

बेबफा

बेबफाओं से मुझे जाने क्यों इतनी लगन है बेबफाओं से मुझे जाने क्यों इतना प्यार है बेबफाओं को दिल इतना चाह्ता है दुर रह्कर भी उनकों पुजता है बेबफाओं कि बेवफ़ाई को देखकर भि यह उनकों नजर अंदाज करता रहता है बेबफाओं कि बेवफ़ाई इतनी है जिसे जानकर दिल लगाना मुस्किल है फिर भि लगन है इन कि बेबफाओं से इन बेबफाओं क रिस्ता है मुझसे जनम जनम से मान कर इसे खुदा कि मुराद दिल मैं बसाया है हर बेबफाओं को.......

लम्हा चाह्त का

बदल गए हो या बदलने कि कोशिश मे हो अनजाना हो कर बेगना बन कर हाथो को दामन से छुडा लिआ दर्द तुमने एसा दिआ आसु भि सायद कम लगेगा चेन करार को छिन लिआ जितेजि हमको मार दिआ हर लम्हा का गला घोट दिआ प्यार का एसा तोफा दिआ चाह्ती थि तुमको चाहती हूँ तुमको चाहती रोहंगी तुमको चाहे एसी ही लाख दुख सही फिर भी मानोंगी तुमको आपना करती रहोंगि तुमको प्यार चाहे सुबह हो या शाम

उतना तुमसे

चांदनी को है जितना प्यार रात से भबरा को है जितना प्यार फुलो से समुदर को है जितना प्यार किनारॉ से मोरनी को है जितना प्यार घटा से अम्बर को है जितना प्यार बादल से शाबन को है जितना प्यार पानी से उतना हि प्यार मुझको है तुम से......

गुस्सा

गुस्सा आता है अपने आप पर आपनी पेदैसि पर अपने बजुद पर गुस्सा आता है अपने दिल पर अपने दिमाग पर अपने आप पर जि चाहंति हूँ वह खोति हूँ जो कहना चाहंति हूँ   वह कह नहीं पाति हूँ जो करना चाहंति हूँ वह कर नहीं पाति हूँ इस तरह जिने क क्य फायदा है इसे तो अछा मरजाना है

महफिल

दुनिआ कि इस महफिल मैं कोइ नहीं अपनी बात सुनने बाला कोइ नहीं दिलासा देने बाला कोइ नहीं शिकबा सहने बाला कोइ नहीं मोहाबत करने बाला कोइ नहीं जख्मो को भरने बाला कोइ नहीं आसु पोछ्ने बाला कोइ नहीं आपना बनाने बाला यह दुनिआ बडी मतलबी है सब यहाँ स्वार्थी है

तुम जोगी हो या भोगी

तुम जोगी हो या भोगी तुम पागल हो या प्रेमि तुम जेसे हो हो मेरे सब से प्यारे तुम हो तुम जेसे हो मेरे हो रब से मांगा हे तुम्हे तुम सिर्फ मेरे लिए पेदा हुए हो

नसीब

किसिसे ना है कोइ शिकायत न किसिसे मिला मेरे नसीब मैं जो लिखा था वोहि मुझे मिला वफा कि जहाँ उमीद कर बहाँ से बेवफा मोहाबत की जहाँ उमीद कर बहाँ से शिकबा शायद यह मेरे नसीब मैं लिखा था यही मुझे मिला शिकबा नहीं रोस नहीं रबसे जो तकदिर मैं लिखा था वोहि मिला....

यह क्या किया

अपनों को बेगाना कर दिआ हँसतीं चिड़ियाँ को रुला दिआ जितेजि हमको मार दिआ उमर भर के लिये एसा सजा दिआ आधी राह पर छोड़ दिआ जितेजि हमको क्यों ना मार दिआ झूटी बादो के सहारे अपना सबकुछ लुट लिआ क्या तुमने यह सही किआ अपने आपको पूछिए जरा अपने आपको पूछिए जरा

तुम्हे भुलाने कि कोशिश

तुम्हेँ भूलने कि लाख कोशिश करती हूँ पर भुला   नहीं पाति हूँ तुम्हारे यादों को मिटाने कि कोशिश करती हूँ पर भुला   नहीं पाति हूँ तुम्हारे साथ बिताया हुआ हर पल को मिटाने कि कोशिश करती हूँ पर भुला नहीं पाति हूँ तुम्हारी तसबीर को दिल से मिटाने कि कोशिश करती हूँ पर मिटा नहीं पाति हूँ पता नहीं लाख कोशिशॉ के बाद भी तुम्हें भुला नहीं पाती हूँ क्यों यादों से मिटा नहीं पाति हूँ क्यों में तुमको भुला नहीं पाती हूँ ??????

शिकायत

तुम चाहें दुर चलेजाओ या किसिके बन जाओ फिर भि तुमको चाहोंगि मरते दम तक तुम्हे चाहोंगि तुम्हारे आने क इंतजार करोंगि क्यों कि मुझे बिस्वास है अपने प्यार पर उस खुदा पर जो मेरी दिल कि बात तुम तक पह्न्चएगा मुझे इंतजार है उस दिन का जिस दिन तुम्हे एहसास होगा मेरे प्यार का.........