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Showing posts from March, 2020

तुम इतने भोले

तुम इतने भोले इतने मासुम इतने सरारति क्यूँ हो तुम्हारी हर अदा कर गई मुझे फिदा तुम्हारी आँखों की समुंदर में मैं खो गई तुम्हारी मुस्कुराहट ने मेरी जान ले ली इस से ज्यादा मुझ से कुछ लिखा नहीं जाता

खुद पर एतबार

अपने लड़खड़ाते कदम को संभाल के रखना किसी दुजे के तरफ ज्यादा ध्यान मत देना किसी और से ज्यादा बात मत करना किसी और के बारे में मत सोचना किसी और से निगाहें चार ना होने देना तुम्हे क़सम है मेरी दोस्ती की मेरे बातों को भुल न जाना

प्यासा

प्यासी कोयल के इंतेजार है बसन्त का प्यासी मधुमखि को इंतेजार है सहद का प्यासी धरती को इंतेजार है सावन का प्यासी चन्दनी को इंतेजार है रात का प्यासी समा को इंतेजार है परवाना का प्यासी कलियों को इंतेजार है हवा का सबके इंतेजार का वक़्त है पर मुझे किसका इंतेजार है यह मुझे खुद पता नहीं है

केसा है कौन है वो

मेरी निगाहें किसे ढूँड रही है मेरे होठों पे किसके लिए हाँ है मेरे कानों को किसकी आहट का इंतेज़ार है मेरे दिल को किसका इंतज़ार है कौन है की जिसके लिए मेरा तन मन बेकरार है वो कोई फरिस्ता है या कोई शह्जादा जनत पर है या धरती पर लेकिन वह जहाँ पर भी है वह सिर्फ मेरा है वह सिर्फ मेरे लिए बना है

इतनी भी ......

इतनी भी खामोसी ठीक नहीं जो दूसरों को दर्द देता हों इतनी भी मिठास ठीक नहीं जो दूसरों को दर्द देता हो इतनी भी कड़वाहट ठीक नहीं जो दूसरों को दर्द देता है इतनी भी मोहबत ठीक नहीं जो दूसरों को दर्द देता है इतनी भी सरारत ठीक नहीं जो दूसरों को दर्द देता है इतनी भी भोलापन ठीक नहीं जो दूसरों को दर्द देता है

क्यों

मे तो अपनी ज़िंदगि मे अकेली थी तुम क्यूँ मेरे ज़िंदगि में आए दो पल की खुसी देकर सारी उमर के लिए गम दे गए मेरे एह्सास जज्बातों के साथ एसा खेल खेला जिसको भुलापाना सायद ना मुमकिन है जितेजी हमे मार डाला तुमने एसा क्यूँ किया ?

टूटा हुआ मानसी

दिल तोड़ कर चले गए पीछे एक बार मुड़कर देखा नहीं चैन लुटाकर चले गए पीछे एक बार मुड़कर देखा नहीं सपने तोडकार चलेगए पीछे एक्बार मुड़कर देखा नहीं मेरे खुसिओं को छीनकर चलेगए पीछे एक्बार मुड़कर देखा नहीं मेरे वफाओं को भुलाकर चलेगए पीछे एक्बार मुड़कर देखा नहीं मेरे जजबातों को साथ खेलकर चलेगए पीछे एक्बार मुड़कर देखा नहीं मेरी मोहब्बत का इतना बड़ा सजा तुमने दे दिआ जिसे वयान करने के लिए शब्दो की कमी है

हर पल

हर पल रोते हुए जि रही हूँ हर आसूँ को छिपाने की कोशिश कर रही हूँ हर एक गम को अपने अंदर समाने की कोशिश मे हूँ लेकिन यह सब कर नहीं सकती क्यूँकि मेरे अभिमान स्वभाब छोड़ नहीं सकती इतना दुख पाने के बाद कैसे में जि रही हूँ यह सिर्फ मुझको पता है कैसे ग़मों को सिनेपे दवाकर जी रही हूँ मुझको ही पता है

हर तरफ तुम.....

जिधर देखो तुम ही तुम नज़र आते हो जहाँ जाओ बस तुम ही तुम हो जो करो बस तुम ही तुम हो जो सोचो बस तुम ही तुम हो जिसे देखो बस तुम ही तुम हो जिसे मानो बस तुम ही तुम हो चारों तरफ तुम ही तुम हो मेरे रोम रोम में तुम बसगए हो तुम ही अब मेरी ज़िंदगि हो तुम ही मेरे अपने हो तुम ही मेरे सपनों मे हो तुम ही मेरे सबकुछ हो

सदियों के बाद

आज सदियों के बाद तुम्हे देखकर चैन मिला बेचन दिल को करार मिला वही के वही हो तुम कुछ भी नहीं बदला बदला है तो वक़्त और तुम्हारा कद उसी तरह से अभिमान करते हो मुझे चिडते हो , बाद में हसने की लाख कोसिस करते हो घर में आने को कह्कर चले जाते हो सही वक़्त मे आने की वादा कर के जाते हो मुझे अपने दिया को संभाल के रखने को कह् जाते हो मंजिल मेरा कदम चूमेगी यह एह्सास दिलाते हो फिर से सही वक़्त मे आने क वादा करते हुए जाते हो मेरे आँखों में फिर से आसु दे जाते हो

राही और राहें

मैं एक ऐसी राही हूँ जिसका रास्ता खतम नहीं होगा मैं एक एसी दीवानी हूँ जिसकी दीवानेपन कि हद नहीं ’ मैं एक एसी सायर हूँ जिसकी सायरी दिल को बेवफा से आगाज करता है मैं एक एसी समा हूँ जो हमेशा आग मैं जलती रहती हूँ मैं एक एसी पगली हूँ जिसकी पागलपन कि हद नहीं

भगबान

भगबान तुम कहाँ हो दुख के समय पर तुम्हे क्यों धुढा जाता है सुख के समय मैं क्यों नहीं तुमने एस ब्योह क्यों बनाया है क्यों इनसान को एहसान फोरामस बनाया है क्यों तुमने एसा क्या अगर एसा करना हि था तो मुझे इनसान क्यों बनाया कभी कभाया इस जनम पर रोष आता है तुमने मुझे इस जग मैं क्यों भेजा अपने अंदर क्यों मुझे समाया   नहीं

जब तक है जान

जब तक इस दिल मैं जाँ है हम तुम्हे चाहते रहेंगे जब तक यह धडकन धड़केंगे हम तुम्हे चाहते रहेंगे जब तक हम इस जग मे है हम तुम्हे चाहते रहेंगे जब तक हम इस जग मे है हम तुम्हे चाहते रहेंगे जब तक यह सासे चल रही है हम तुम्हे चाहते रहेंगे

तनहाइ कि जुबा

तन्हाइयों से दिल डरता है लेकिन अब इनसे प्यार है झुटे वादो से दिल डरता था लेकिन अब इनकी आदत है बेवफाओं से दिल डरता था दिल को हर जख्म की आदत हो चुकी है लेकिन यह अब ज़िंदेगी की हिस्सा बनगए हैं

तुम बिन

मैं आपनी जान गबा सकती हूँ लेकिन प्यार को नहीं मैं अपने आपको भुला सकती हूँ लेकिन तुमको नहीं मैं जहनुम मैं जा सकती हूँ लेकिन तुम्हे भुला सकती नहीं मैं हर कोइ गम अपना सकती हूँ लेकिन तुम्हे दुखी देख नहीं सकती मैं हर कोइ बार सह सकोंगि लेकिन तुम्हरे अभिमान को नहीं मैं हर किसिको बेगाना कर सकती हूँ लेकिन तुमको नहीं मैं हर आसु पिकर जि सकोंगि लेकिन तुम बिन नहीं

मोहाब्ब्त कि जुबा

कोई कह्ता है मोहाब्ब्त फुल है कोई कह्ता है काँटों का दामन कोई कह्ता है खुसिया है कोई कह्ता है ग़मों क समुंदर कोई कह्ता है सब कुछ मिलता है कोई कह्ता है सबकुछ खो जाता है कोई कह्ता है यह आकर हवा कि तरह च ला जाता है कोई कह्ता है जनम जनम का रिश्ता है कोई कह्ता है यह सुरज जेसा चमकता है कोई कह्ता है चांद से भी ज्यादा कलंक है कोई कह्ता है धरती पर जनत का एह्सास दिलाती कोई कह्ता है धरती पर जहनुम है कोई कह्ता है इमली जैसा खटा है कोई कह्ता है गुल से मिठा है कोई कह्ता है प्यासा कोय ल है कोई कह्ता है वहती झरना है कोई कह्ता है यह झूट , मकार , बेवफाइ होती है कोई कह्ता है सच के बुनियाद पर खड़ी होती है कैसे कहाँ में किसके बात पर कर यंकि हर एक की हर बात में मुझे नज़र आती है नेकी

चाहने का इरादा

तुम्हे मन ही मन में चाहती हूँ तुम्हे मन ही मन पुजती हूँ तुम्हे मन ही मन अपना सबकुछ मान चुकी हूँ लेकिन तुम जब सामने आते हो में कुछ कह नहीं पाति तुमहारी आंखो में खो जाति हूँ तुम्हारि मुस्कान में फिदा हो जाति हूँ में तुम्हें जब सामने देखती हूँ एक अजीब सी दुनिया में खो जाति हूँ मुझे अलग सा मेह्सुस होने लगता है मेरे रोम रोम मे अजीव सा नशा छा जाता है अगर इसको प्यार कह्ते हैं तो मुझे तुमसे वेपनाह मोहाब्बत है

मोहाब्ब्त कि मुराद

हम तुम्हे बहुत चाहते है लेकिन तुम्हे इसका एह्सास नहीं हमारि चुप्पी बहुत कुछ कहती है लेकिन तुम समझ सकते नहीं हमे तुमसे बेपनाह मोहाब्ब्त है पर इसका इजहार हम कर सकते नहीं हम सिर्फ तुम्हारे लिए बने है भगवान से तुम्हे मांगलिया है तुम कब समझोगे मेरे दिल की बात कब पुरि होगी मेरी मुराद ?                         

हम तुम

में तो अकेली अपनी जिवन में थी तुम क्यूँ मेरे जिवन मे आए ? कह्ते हो खुद्को हवा का झोका तुम वास्तबिक क्या झोका हो ? हवा का झोका दिखाई नहीं देता पर तुमने मुझे , दिखते हो हवा का झोका दर्द नहीं देता पर तुम मुझे हमेशा दर्द देते हो हवा का झोका मौसम ॠतु देखकर नहीं आती पर तुम तो यह सब देखकर आते हो इतना सबकुछ फरक होने के बाद कैसे में यकिन करलो हवा का झोका हो तुम हवा का झोका हो तुम

दिल लगाने कि सजा

तुम हमसे दूरिया   बढ़ा रही हो हमसे दिल को तोड़ रहे हो हमारे अरमानो का गला घोट रहे हो हमे चोट के बाद चोट दे रहे हो हमारे जजबातो के साथ खेल रहे हो हमे खुन के आँसूँ से रुला रहे हो हमे दिन रात तड़पा रहे हो हमे जितेजि मार रहे हो अगर इसतरह के इरादे मन में थे तो हमसे प्यार का नाटक क्यूँ किया हमको जितेजि मार दिया भगबान मुझे इतनी शक्ति देना हम किसीसे दिल फिर ना लगाएंगे          

आज और कल

आजकल हमें अन्धेरों से प्यार होने लगा है क्यूँकि उजालो से डर लगता है आजकल दिल लगाने के लिए भी डर लगाता है क्यूँकि बेवफाओं के वार से यह बिखर चुका है आजकल भिड़ में रहने कौ दिल डरता है क्यूँकि तनहाइयो से हमे प्यार होने लगा है आजकल प्यार करनें से डर लगता है क्यूँकि प्यार से धोका मिल चुका है

अकेले

आज से हम अकेले है क्यूँकि हर एक रिश्ते नातों को हम मिटा चुका है जब हर कोई अपना वेगानो की तरह हरक़त करते हुए धोका देता है उसे बेह्तर अकेले रहना ही है जिन लोगों को आपना माना उन्होने ही सबसे ज्यादा चोट मुझे दिया है हर पल मुझे खुन के आँसूँ रुलाया है मेरे हर एक मुस्कुराह्ट को छिन लिया है अकेले रहने की आदत डाल रही हूँ सुक्र है इसमें दिल टूट नहीं सकता कभी किसीकी सुख या दुख की एहसास कर नहीं सकती

शिकायत

वफा के राहों में चलते चलते वेवफा कैसे बनगए प्यार के राहों मे चलना सिखाकर तुम कैसे दुर होगए हमारी मज़बूरी को कैसे न समझपाए ? हमारे दर्द को कैसे एहसास करना पाए तुमने ही कहा था जब कोइ तकलीफ हो था कोइ मुसीबत तो बेधड्क मुझसे पूछना लेकिन असली वक़्त में तुमने दामन छुड़ालिया हमको इतनी बडी़ दुनिया में अकेले छोड़ दिया हमारी मोहब्बत का इतना बड़ा सजा दिया हमसे सारे रिश्ते नाते तुडवा लिया न हमने तुमसे मांगे पैसा या जेवरात माँगा तो था सिर्फ दिल मे अधिकार लेकिन तुम उसको भी दे ना सकते ठीक है कोई बात नहीं लेकिन इस तरह रिश्ता टूटाकर तुम जा सकते नहीं

चाहत का नसा

हम तुमको चाहने लगे थे इस कदर जमाने से दुर हो गइ थी नज़र ना पता था हमको सुबह का था शाम का ना पता था दिन या महीनों का हम है तुम्हारे दिबानी अपना सब कुछ तुम पे लुटाने लगे थे अछा हुआ तुम बेवफा बन गए आधी रास्ते मे मेरा हाथ छोड़ चल दिए फिर से मे चली आई आपने जग मे लेकिन बहुत सारे गम को साथ ले आई जिना अब मौत की तरह लगता है यह सिर्फ तुमको धुंड्ता है पता नहीं   कब मौत आकर गले से लगजाए उस दिन का इंतज़ार है मुझे

अनजाना

दुनिया कि इस महफिल में पता नहीं यह आँखें किसे ढूँड्ता है ? लगता है मेरे आसपास है फिर भी दिखाई नहीं देता है लगता है उसका मेरा जनम जनम का रिश्ता है इसलिए दुरिया भी नजदीकियां लगती है वह पास न होते हुए भी पास होनेका एहसास दिलाती है वह कुछ होठों से न कहकर इशारों से जाहिर करता है पता नहीं वह कौन है बिना देखे बिना जाने जिसके लिए मेरे होंठों पे हाँ है उसका मुझे कबसे इंतज़ार है

सजा ए इस्क़

प्यार करने क इतना बड़ा सजा तुमने मुझको दे दिआ दिल लगाने का इतना बड़ा इनाम मुझे दे दिआ ज़िंदगी भर के लिए याद रहेगा अगर हमसे दुर रहने क इतना शौक था हमसे दामन छुड़ाना हि था तो हमसे दिल लगाया क्यों लगाया था हमको मोहबत के बारे मैं सिखाया क्यों था हमारे आँखों मैं आँसूँ देन हि था तो होठों पे हँसी की बरिश क्यों लाए थें अगर ग़मों क सामना करन ही था तो खुसि को सामने क्यों लाए ? क्यों तुमने एसा किआ जितेजि हमको मार दिआ

हमेशा तुम

हमेशा दुख को अंदर रखकर सुखि होने का   छलाबा करते हो हमेशा दर्द होते हुए खुसि रहने का छ्लाबा करते हो हमेशा आँसूँ छूपाकर मुस्कुराहट का छलबा करते हो हमेशा सबकुछ जानकर अंजाना होने का छलाबा करते हो हमेशा सबकुछ याद रख कर भुलजाने का छलाबा करते हो क्यों हमेशा इस तरह से छलाबा करते हो किसि और के आगे यह सब ठीक है लेकिन मेरे सामने यह ठीक नहीं क्यों कि मैं तुम्हारे रग रग से रुबरु हूँ

तुम और में

राही है तु मंजिल हु मैं सागर है तु पानि हूँ मैं दिल है तु धड़कन हूँ मैं शोला है तु सबनम हूँ मैं बादल है तु घटा हूँ मैं शायर है तु शायरी हूँ मैं हवा है तु झोका हूँ मैं सुरज है तु किरन हूँ मैं रात है तु चाँदनी हूँ मैं शमा है तु परबाना हूँ मैं दिल से दिल का इतना मेल है तेरे बगर अब जिना मुसकिल है

सिर्फ तुम

जब से देखा तुमको बनगई मैं दीवानी दीवानी हूँ मैं तुम्हारी सिर्फ तुम्हारी न शाम कि खबर थी न सुबह कि तुम्हरी हर अदा पर हो गयी मैं फिदा जाने क्या जादू करगई तुम्हरी अदा हर लम्हा तुम्हरी याद सतति है हर सपनों मैं तुम आते हो हर इनसान मैं तुम नजर आते हो जाने मुझ पे क्या नसा छा गया लगता है तुम्हरी प्यार का असर मुझपे हो गया