खुद पर एतबार
अपने
लड़खड़ाते कदम को संभाल के रखना
किसी
दुजे के तरफ ज्यादा ध्यान मत देना
किसी
और से ज्यादा बात मत करना
किसी
और के बारे में मत सोचना
किसी
और से निगाहें चार ना होने देना
तुम्हे
क़सम है मेरी दोस्ती की
मेरे
बातों को भुल न जाना
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