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Showing posts from January, 2021

शिद्दत

प्यार करो या नफरत जो भी करो शिद्दत के साथ करो

भगवान

है भगवान क्यों मेरे साथ छुपा छिपी खेल रहे हो क्यों दर्शन नहीं दे रहे हो क्यों मेरी जिंदगी को खेला बना रहे हो.

आवाज़

दिल टुकड़ों में बंट गया कोई हमसे हमको ले गया आवाज़ फिर भी न हुआ दिल टुकड़ों में बंट गया.

सासें

सासें रुकने लगी है पर आखों का तेरा इन्तज़ार अभी है

साए

कभी तेरे साए को कोई छूता था तो आग लग जाती थी आज करोड़ों में तू बंट गया है आग आज भी लगती है फर्क़ सिर्फ इतना हो गया तभी आखों से बरसति थी आज होठों से बरसति है

परख

तुझसे दिल लगा लिया तुझे जाने बिना परखे बिना यह गलती थी या सिख हम आज तक भुगत रहे हैं

बेशरम

शरीफों की बस्ती में था मेरा घर ओढ़े थे हम शराफत का चादर भूख ने एसा किया उजाड़ा घर उड़ा दिया चादर तब से हुए हम शरीफों से दूर कहते है हमको बेशरम

तुम्हारी खुशबु

तुम्हारी खुशबु जो सासों में समा चुकी हो तुम्हारे बिना न जिया जाता है न मरा जाता है एक अलग सी दुनिया में हूँ एसा लगता है

बोल बचन

कुछ तो बोलो मेरे बोल बचन तुम्हारी चुपी सताती है क्यों खामोश हो गए हो कुछ तो बोलो मेरे बोल बचन.