बेशरम

शरीफों की बस्ती में था मेरा घर
ओढ़े थे हम शराफत का चादर
भूख ने एसा किया
उजाड़ा घर
उड़ा दिया चादर
तब से हुए हम शरीफों से दूर
कहते है हमको बेशरम

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