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Showing posts from April, 2021
चलते चलते रास्ते में तेरी याद आगयी फिर दिल ने कहा कि वो अब यहां नहीं रहती है उसका घोसला कहीं और है फिर हमने कहा  क्या करो ओ यारों में हूँ आदत से मजबूर 

शिकवा करे या शिकायत

ज़माने से लडकर तुझको लाए थे ज़माने के खातिर तुने हमको भुला दिया शिकवा करे या शिकायत करे तुझसे करे या ज़माने से अजीब सा दौर है जिंदगी का किसे कहे किसीकी सुने

मोहब्बत अंधा

लोग कहते हैं मोहब्बत अंधा होता है पर में कहती हू यह तुम्हें अंधा बहरा गूँगा बनाकर जाता है

एहसास

ऐसा एहसास होने लगा है मानो सारी दुनिया हमसे दूर जाने लगी है सिर्फ तेरा ही साथ है जिसके जरिए हम आज यहां जिंदा है

अपनों को बेगाना

ज़माना था तेरा जेसा बनना चाहते थे पर अछा हुआ तेरे जेसा न बने क्यों कि आज कल तू अपनों को बेगाना बनाने में देर नहीं करता है

तेरे चुस्की के बिना न

सुबह सुबह तू चहिए रात को भी तू चाहिए तेरे चुस्की के बिना न दिन पूरा होता न ही रात पूरी होती है

शक्ति है तू शांति है तू

चल उठ दौड़ भाग तुझे रुकना नहीं झुकना नहीं सहना नहीं है तुझे दुनिया को दिखाना है तू अबला नहीं दुर्बला नहीं तू शक्ति है तू शांति है तू ही दुर्गा तू काली है

तन्हाई की गली

तन्हाई की गली में महल है हमारा कभी वक्त मिले तो आजाना बहुत सारे दास्ताँ है सुनकर जाना

कसमकस

न वो इन्कार करता है न इकरार करता है अजीब सी कसमकस में खुद के साथ हमे भी तड़पता है