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Showing posts from January, 2020

भगवान

कौन कह्ता है भगवान नहीं है केसे कर लो यांकी अगर वह नहीं है तो दिन रात केसे होते है सुरज केसे आता है और जाता है चांद आपनी घुंघट खोले दरशन देता केसे जो चला जाता है आता नहीं क्यों तब कह्ते है सब लोग भगवान को प्यारा है यूँ कभि कह्ते है लोग भगवान है कभि कह्ते नहीं तुम भगवान खुद आकर बतादो तुम्हरा कोइ असित्व है ना नहीं

सचा प्यार

ए सनम मुझसे सचा प्यार करना यह जरूरि नहीं शाह्जाहन जेसा ताजमहल बनाना मगर मजनु के तरह सचा प्यार करना देवदास की तरह दिल मैं बसाना सोने चांदि का महल जरुरी नहीं मगर भोरोसा यंकि जरुरी है खुदा के वास्ते इसे कभी न टुटाना मन मंदिर मैं मुझे बसाना

ज़िंदगी

ज़िंदगी एसी मोड पर आई है वापस जाना मुसकिल है पुरानी यादें ताजा हो उठि है मन मैं उमन्ग जाग उठि है ज़िंदगी के इस मोड पर मुझे छोड जाना नहीं खुदा के बास्ते मुझे रुलाना नहीं आखिर तक मुझे आपना बनाना मुझ से सचा प्यार करना

दिल कि बात

मुझे कुछ कहना है तेर बिना न जिना है तेर दिल मैं रहना है धड्कन मैं समाना है आ गले से लगाले मुझे दिल मैं बसाले चाहत कि डोर से मुझ्को बान्धले इनकार नहीं करना इकरार कर देना तेरे पर भोरोसा है खुदा के  वास्ते भोरोसा मत टूटाना.

मुशफिर

चलने वाले मुसफिर कभि रुकना नहीं खुदा कि कसम कभि रुकना नहीं चाहें आए कोइ भि बहार तुझे करना हे उसको पार अगर इरादा बुलंद हो मन मैं पुरि जोश हो न कोइ रोक सकेगा तुम्हे न कोइ टोक सकेगा तुम्हे भोरोसा करो खुदा पर वोहि राह दिख लाएगा तुम्हे होगे तुम कमियाब दुनिया कि इस चमन में.....

जरुरत

राही को मंजिल कि जरुरत है चांद को रात कि जरुरत है मौर को घटा कि जरुरत है कोयल को बसंत कि जरुरत है प्यासे को शावन कि जरुरत है भँवरों को फूलों कि कि जरुरत है तितलियों को रंगों कि जरुरत है बादलों को आसमान कि जरुरत है परवानों को शमा कि जरुरत है संगीत को राग कि जरुरत है पेड़ों को पानी कि जरुरत है लेकिन मुझ पागल प्रेमिका को सिर्फ तुम्हरी जरुरत है ।

हकीकत या......

तुम आज कल सुबह में आते हो             शाम में आते हो             बसंत में आते हो             पतझड में आते हो             भिड में आते हो             तनहाई में आते हो             अंधेरे में आते हो             उजाले में आते हो             हर पल हर लम्हे में आते हो             ख्वाब बनकर पर पता नहीं कब आओगे जिंदगी मैं हकिकत बनकर ??????

खुलासा

चाहा है तुझको आपने से ज्यादा भरोसा है तुझ पर खुद से ज्यादा माना कभी नहीं कही दिल कि बात फिर भि बिस्वास है एक दिन तुझ तक पहंचेगी मेरी दिल कि बात रातै कट्ती है तारे गिन कर चैन मिलता नहीं तेरे बगर तेरे बिना एक पल भी नहीं रहना कह्ता है दिल बार बार

तुमको पाने के लिए

गुलाबो को पाना है तो काँटों का सामना करना पडेगा मोहबत को पाना है तो जंग का सामना करना पडेगा सुख को पाना है तो दुख का सामना करना पडेगा हसी को पाना है तो गमों का सामना करना पडेगा मंजिल को पाना है तो तकलीफों का सामना करना पडेगा जिंदगी को पाना है तो मौत का सामना करना पडेगा जनत को पाना है तो जहनुम का सामना करना पडेगा बसंत को पाना है तो शाबन का सामना करना पडेगा उजाले को पाना है तो अंधेरा का सामना करना पडेगा तुम खुद आकर बतादो       तुमको पाना है तो किस चिज का सामना करना पडेगा ?????

बेवफ़ा

बफा हम करते रहे   बेवफा तुम बन गए प्यार हम करते रहे  धोकेबाज़  तुम बन गए तुम्हे   हम अपना मानते रहे तुम हमसे दुर हो गए सबकुछ जानकर भी अनजान हम बने रहे तुम्हे प्यार करते थे , तुम्हे प्यार करते है , तुम्हे प्यार करते रहेंगे तुम एसी लाख गलती करो , हम तुम्ही को चाहेंगे तुम चाहें मुँह फेरलो हम तुम्ही को चाहेंगे क्यों की यह दिल है मेरा तुम पे हो गया कुरबान तुम्हारी सारी गलतियाँ को यह ठुकराएगा लोगों की बातों को यह ना सुनेगा हम तुमसे मोहाबत करते रहेंगे ।

ओडिशा संबलपुर विश्वविद्यालय के लिए दो शब्द (ओ.स.ओ.यू)

एक एसा  विश्वविद्यालय   ओडिशा मैं खुला जिसका कबसे इंतजार था राष्ट्रभाषा कि आन बान शान बना हिंदी भाषा को मानो माँ माना हम सबको एक राहा दिआ उमीद कि एक किरन जगाया ओ.स.ओ.यू को शुक्रिया सारे अध्यापक , कार्यालय कर्मचारीयों को धन्यबाद तह दिलसे इस हिंदी भाषा कि पुजारन की तरफ से...... .

शाम

तुझसे प्रित लगाई है शाम न किसि और कि जरुरत न किसि और का साथ चहिए तुझसे हि शुरु जिंदगि तुझ पे हि खतम तु साथ हे तो न किसिका सहारा चहिए तुझसे प्रित लगाई है शाम..... तेरी जोगन बनगई ओ शाम तेरे लिए हर साँसो  बारॉ तुहि अब सबकुछ है शाम तुझसे प्रित लगाई है शाम.

सुहानी मोसम ?

ठंडी ठंडी हवा चल रही है आग दिल मे लगी है केसे बुझाओ इसे में तुही बता दे साजना यह मौसम हे इतना प्यारा नहीं है साथ तुम्हरा केसे समझाओ इस दिल को तु ही बता दे साजना तेरे बगर मुझको नहीं जिना सबकुछ लगता है सुना सुना......

मुझे तुम लेलो ?

दिल मैं बसालो , बाहो मैं लेलो , आँखों में मेरी तसबिर बसालो किताबों से कभि निकल कर निगाहों को पढलो कभि कभाया धडकनौ को सुनलो फुरसत मैं प्यार के ढाई अक्षर   पढलो मुझे विस्वास   है मेरे प्यार पर मुझे एतबार है खुद पर वो हि तुम्हे प्यार सिखाएगा मेरे दिल कि बात बताएगा तुम्हे मेरे प्यार का एहसास कराएगा मेरा प्यार सचा है , मेरा प्यार सबसे ऊँचा है मुझे इंतज़ार जहै उस दिन का बेसबरि से जब में तुम्हरे लबों से सुनोंगि मुझे प्यार है सिर्फ तुमसे.........

वह कौन है ?

जाने मेरे साँसों में कौन है ? जाने मेरे धड्कन मैं कौन है ? जाने मेरे दिल में कौन है ? जाने मेरे खयालौ मैं कौन है ? जाने किसकी आहट मेरे दिल मैं हरदम गुंजति रहती है ? जाने किसकी सुरत आँखों के सामने झूमती रहती है ? जाने किसकि यादें हमेशा सताति हैं ? जाने वह कौन हैं ? लेकीन वो जो भी है उसका मुझे बेसबरी से इंतेजार है ?

प्यार

मेंने तुमको प्यार करलिया लेकीन इस बात का जिकर तुम्हारे सामने कर नहीं पाई मेंने तुमको अपना देबता मानलिया लेकीन तुम्हे इस बात कि खबर नहीं मेंने तुम पर अपना सबकुछ बार दिया लेकीन तुम्हे इसका एहसास नहीं मैंने तुम पर अपना दिल बार दिया लेकीन तुम्हे इसकी खबर नहीं तुम केसे इंसान हो जो निगाहों को पढ़ नहीं सकते ? धड्कन के आहट को सुन नहीं सकते मेरे खामोशी को समझ नहीं सकते ? पता नहीं तुम कब समझोगे दिल कि बात कब पुरि होगि मेरी मुराद ?

इंतजार

मौस म है  सुहाना , दिल है बेकरार मुझको है तेरा इंतजार हवा कि झोको मैं तुझे एहसास कर रही हूँ दिल के हर कोने में बस तुही तु आसमान कि सुरज में तेरे आँखों को देख रही हूँ तेरे तन कि खुसबू को में एहसास कर रही हूँ दिल के हर कोने में बस तुही तु एसे मौसम में केसे करो दिल को काबु तुझसे मिलने के बाद दिल हो गया बेकाबू आजा जलदी से अब तु अब न सता मुझको तु ।

तुम हो

मेरे आखों में , मेरे पलको में , मेरे नजर में ,       बस तुम हि तुम हो , मेरे सिने में , मेरे धडकन कि हर एक आहट मे       बस तुम हि तुम हो , मेरे जुलफो कि गहराई मे मेरे दिल कि आँगन मे       बस तुम हि तुम हो , मेरे सपनों मे , मेरे हर एक ख्वाब मे बस तुम हि तुम हो , मेरे नस नस मे , मेरे तन मन मे बस तुम हि तुम हो ।

कोइ खास

बचपन से सुनते आये हैं असत्य पर सत्य का विजय होगा एक राजा घुड़सबर पे आयेगा और दरिंदो को दंड देगा सबकी जिंदगी में खुसालि लायेगा , तड़पते बिखरते लोगों कि पुकार सुनेगा , अमन और शांति का झंडा उड़ाएगा धरती मैं फेलि गंदगी को अपने हाथों से मिटाएगा , जरुरत पड़ेगी तो परशुराम बन जायेगा , जरुरत पड़ेगी तो महात्मा भि बन जायेगा । लगता है वह दिन पास है जब फिर से दुनिया कुरुखेत्त्र देखेगि अन्याय पर न्याय का विजय पंचजन्य से सुनेगी.. फिर से एक नया युग का आरंभ होगा.... जिसमें सिर्फ और सिर्फ साम्यबादत का राज होगा...

मेरा स्कुल

हम तो है आपके पराया मत करना चाहैं हम चले जाए दिल से अलग मत करना नन्हे कदम हमने पकाया था जिसको आपने चलाना सिखया था आपने अंदर हमे समाया दिल से दिल का रिस्ता बनाया पता नहीं यह वक़्त केसे गुजरा हम न्न्हे से बडे कब बन गए बिदाय का वक़्त आया इसे सुन्कर रोम रोम काम्प रहा है उसे कुछ दिनों में मेह्सूस करना है इस एहसास को स्मृति बनाना है आपसे बिदाय लेना हैं आप से हमे इतनी प्राथना करनी है हमे आप से कभि अलग नहीं करना चाहें हम रहे या न रहे हमे दिल में एक बार याद जरूर करलेना

मेरे अ़जी़ज

हम  आपको  पाकर खुद को भुल गए हम आप से मिलकर खुद से दुर हो गए आप को चाहाँने  का  क्या यह सजा है जो आप हम से दुर हो गए आप से दुर होकर केसे जियेंगे ? केसे करेंगे अपना काम ? क्या आपको कोइ परबा नहीं क्या आपके अंदर कोइ दिल नहीं पर हमरा दिल इसे मानने को तयार नहीं के आप के पास दिल नहीं आप से बहुत उमीद है आप हमे राहा दिख लाएंगे हामारे साथ हमारि मंजिल तक जाएंगे हमे अपने साथ हमेशा रखेन्गे दुआ करति हूँ आपके लिए हमरि उमर आपको लग जाए सितारो के भति चमक कर दुनिया मे रोसनि प्रदान करे

गुन्हा

हमने तुमको चाहाँ यह था पहला गुन्हा हमने तुम को दिल दिआ       यह था दुजा गुन्हा हमने तुम को मन मंदिर मैं बसया       यह था तिजा गुन्हा हमने जागा रात रात तुम्हारे लिए       यह था चौथा गुन्हा हमने जलाया दिया तुम्हारे लिये       यह था पांचबा गुन्हा हम गुन्हा के बाद गुंन्हा यूँ करेंगे       राजी हैं सारी सजा भुगतने को चाहैं आए कोइ भि बला गुन्हा करना हम कम ना करेंगे .......

एक उमीद

जाने तुम चले गये कहाँ भूल कर यह सब जाने जिंदगि ले गई तुम्हे कहाँ मुझ्से जुदा कर कर जाने तुम  आयोगे  कब लेके फिर से रोशनी जाने कब पुरि होगि मेरि यह कहानी तुम्हारे  इंतेजार मैं जला रहि हूँ दिया उमीद करती हूँ इस दिये का लाज़ रखना तुम्हरी मैं योगिन हूँ लिआ है तुम्हरा नाम इस नाम के साथ जीना है मरना है इसपे ही मीटजाना है....

दिल

हम जिससे दिल लगाते है वह हमसे बेवफ़ा करता है हम जिसको अपना मानते है वह हमसे दुर हो जाते है हम जिससे अपने दिल की बात बताना चाहते है वह हमको अपना वक़्त नहीं देता है हम जिस पर अपना सबकुछ न्याछाबर करते है वह हमको अपना से इनकार करते है यह खूदा  क्या  करो तुहि कुछ बता.....

सपने

यह मौसम कितना प्यारा है इसका हर रूप निराला है हवा चल रही है बादल भी चल रहा है बिजली के साथ बरिश भी आ रही है दिलो मैं कितने सारे सपने सज रहे है जेसे कोइ अम्बर से आ रहा है सपनों को पुरा करना चाहता है जाने वह कौन है , जाने वह केसा है उसका मेरा रिस्ता क्या है जाने कौन सी डोर मुझे उसके और खिच रहा है जाने वह कौन है , जाने वह कौन है जिसको देखने के लिए आँखे तरस गई है दिल पागल हो गया है नींद उड गई है नजर कहीं मानों रुक गई हैं जाने वह कौन है उसका मेरा रिस्ता क्या है मानों जेसे कोइ सपना है......

वो कौन है

सपनों मै आता है दिल मैं बसजाता हैं साँसो मैं जेसे समागया हैं दुर हो कर भि वह पास है बेगाना हो कर भि वह अपना है देखा नहीं कभि उसे फिर भि लगता हे यही पास है मेरे दिल मैं वह बस गया है उसके बिना जेसे सबकुछ सुना है जाने वह कौन है , जाने कहाँ है ? मुझे इस तरह से क्यों तड़पा रहा है ? उसके बिना यह जिबन सुना है वह कहाँ है कब आएगा ? मेरे दिल को समझेगा ? कब पुरा होगा मेरा सपना कब होगा वह मेरा आपना ? सपनों मै आता है दिल मैं बसजाता हैं साँसो मैं जेसे समागया हैं..........

म्याडाम

मानों आपको कभि न देखा फिर भि न जाने केसा है अजूबा जाने यह कौन सा डोर हे आपकि तरफ मुझे खिछ रहा है दिल हि दिल आपको मेने बस लिया है सुनते सुनते आपको मानों जान लिया है पूजति हूँ रोज उसे मिलादे आप से करनि हे बाते आपसे आपसे....... मिलना हे मुझे आपसे आपसे...... मान ति हूँ मेंने देखा नहीं आपको पर लगता है रिस्ता हैं सदियों से आपसे आपसे........