सपने
यह मौसम कितना प्यारा है
इसका हर रूप निराला है
हवा चल रही है
बादल भी चल रहा है
बिजली के साथ बरिश भी आ रही है
दिलो मैं कितने सारे सपने सज
रहे है
जेसे कोइ अम्बर से आ रहा है
सपनों को पुरा करना चाहता है
जाने वह कौन है ,जाने वह केसा है
उसका मेरा रिस्ता क्या है
जाने कौन सी डोर मुझे उसके और
खिच रहा है
जाने वह कौन है ,जाने वह कौन है
जिसको देखने के लिए आँखे तरस गई
है
दिल पागल हो गया है
नींद उड गई है
नजर कहीं मानों रुक गई हैं
जाने वह कौन है
उसका मेरा रिस्ता क्या है
मानों जेसे कोइ सपना है......
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