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Showing posts from September, 2020

क्या हुआ केसे हुआ ?

न किसी के आने की आश न किसिके जाने की दुख सिर्फ खुद में खो गए है मानो जीना भूल गए है केसे एसे हो गए हम हमको पता भी नहीं चला क्या हुआ केसे हुआ हुमे पता नहीं चला

मोहबत जेसी नफरत

कुछ सुनने को और रहा नहीं कुछ कहने को और रहा नहीं तुम्हें जो करना था तुमने कर लिया है अब मेरी वारी है संभल कर रहना क्यों की में मोहबत जेसी नफरत भी करती हूँ हिसाब सही सा करती हूँ.

नसा ए जुनून

मोहबत का जुनून कुछ इस कदर छाया न सुबह की खबर थी न शाम की खबर पर जब जुनून उतारा तो खुद को जहनुम में पाया

क्या यही प्यार है ?

जब तुम पास आते हो सास रुक जाती है धड़कन तेज हो जाती है आखे बंद हो जाती है क्या यही प्यार है ? क्या यही प्यार है ?

गुमनाम गालि

इस्क की आदत लग गई है हमे न पीछे मूड सकेंगे न आगे बढ़ सकेंगे बस युही हम गुमनाम गालियों में फिरते रहेंगे

हमारी सौक

हमे सौक नहीं है किसीसे उलझने का पर गर कोई हुमसे उलझे मा कसम उसे उसकी औकात याद दिला देते है चाहे सच्चाई कितनी भी बुरी क्यों न हो उसके मुह पर बार करते है

कभी हम नहीं थे...

कभी हम नहीं थे कभी तुम नहीं थे फिर भी दुनिया था आगे भी रहेगा इसलिए किसिकों बदले ने की कोशिश न करके खुद को सुलझाके रखना पड़ेगा हमारी ज़िंदगी की खूसिया चैन सब हमारे हाथों में है इसलिए खुद पे ही सिर्फ ध्यान देने की जरूरत है |

स्वार्थी

मेरी मोहबत का मुझे एहसास तब हुआ जब तुम किसी और के हो चुके थो तुम्हें मेरी याद तब आइ जब तुम उसे उब चुके थे तुम्हें मेरी मोहबत का एहसास था पर तुम स्वार्थी बन गए अब मुझे भी बनाने की कोशिस में लगे हो पर में तुम जेसी नहीं मेरी खुसी के खातिर किसी और से उसका अधिकार छिन नहीं सकोंगी आज भी तुमसे प्यार है लेकिन स्वार्थी तभी नहीं थी आज भी नहीं हूँ....

तेरी खुसियाँ

हम हम न रहे तेरे हो गए फिर भी लगता है तुझे खुस न आकर पाए लाख कोशिसों के बाद भी हम तुझे खुस न कर पाए तुझे खुद को भुलाके पाए है पर तू खुस नहीं है इसलिए सोचा है हर बंदिशों से तुझे आजाद कर देंगे तुझे तेरे खुसी के लिए आजाद कर देंगे....