हमारी सौक

हमे सौक नहीं है किसीसे उलझने का
पर गर कोई हुमसे उलझे मा कसम उसे उसकी औकात याद दिला देते है
चाहे सच्चाई कितनी भी बुरी क्यों न हो उसके मुह पर बार करते है

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