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Showing posts from July, 2021

लफ़्ज़

लफ़्ज़ कम पड गये हे आज और हमसे कहा नहीं ज़ाता है.... 

खूब सुन्दर

आज का दिन खूब सुन्दर है. सुबह सुबह सूरज देवता को देखा है बहुत अर्से के बाद..

पराये

कल तक हम उनको अपना मानते थे आज से वो पराये हो गए है...

मन उदास

कभी कभी मन उदास हो जाता है फिर खुद से बोलती हूँ तेरे पास और क्या है खोने को जो तू इतना उदास होता है 

जगराता

सारी रात जगराता करेंगे तेरे लिए हर दुआ मांगते रहेंगे.. 

रोमांच

चलो आज हम कुछ अलग करते है थोड़ा रोमांच होना जरूरी है 

दिल का रिसता

दिल से दिल का एक अजीब सा रिसता बन चुका है इस दिल्लगी कहे या कुछ और समझ में नहीं आता है. .

वादा

कोई वादा बिना सोचे समझे  मत करना वादा जो करो वो निभाने के लायक हो वरना मत करो..... 

जब जागो तब सबेरा

जब जागो तब सबेरा इसलिए कभी मत हिचकिचाना मन को कभी हारने मत देना