Posts

Showing posts from December, 2021

खामोश

Image
खामोशी भी बहुत कुछ कहती है...   

अनकही अल्फाज़

Image
कुछ अनकही अल्फाज़ आज भी मेरे कानों में गूंज रहा है शायद मुझे सुनने की आदत नहीं थी तब लेकिन अब उसे सुनने के लिए कान तरस रहे हैं   

बुलंद

Image
खुद को कर बुलंद इतना की मौत से भी तू न कतराए मौत सामने भी हो तो ओठों से मुस्कराहट न खो जाये   

धरती माँ

Image
तुझको ओढ़ के तेरे से लिपटकर धरती माँ के लिए खुद को न्यौछावर कर के तुझमे समा जाओ ओ मेरे प्यारे तिरंगा....   

ख्वाब

Image
पंछी की तरह उड़ने की ख्वाब रखता हूं सेर की तरह दहाड़ की शक्ति भी रखता हूं कुछ अलग सा अंदाज है मेरा खुद ही आग खुद ही पानी में तब्दील होता हूँ   

बेमौसम की बारिश में

Image
बेमौसम की बारिश में हम भीगते रहे बहुत दिनों बाद सास लेते हुए सुकून पाए..   

सिलसिला

Image
कभी हम कहते हैं कभी तुम कहते हो. एसे ही कहना का सिलसिला चलता रहे   

अनकही अल्फाज़

Image
कुछ अनकही अल्फाज़ कुछ अनसुनी अल्फाज आज भी किसका इंतजार कर रहे हैं