कोइ खास


बचपन से सुनते आये हैं असत्य पर सत्य का विजय होगा
एक राजा घुड़सबर पे आयेगा और दरिंदो को दंड देगा
सबकी जिंदगी में खुसालि लायेगा, तड़पते बिखरते लोगों कि पुकार सुनेगा , अमन और शांति का झंडा उड़ाएगा
धरती मैं फेलि गंदगी को अपने हाथों से मिटाएगा,
जरुरत पड़ेगी तो परशुराम बन जायेगा, जरुरत पड़ेगी तो महात्मा भि बन जायेगा ।
लगता है वह दिन पास है जब फिर से दुनिया कुरुखेत्त्र देखेगि अन्याय पर न्याय का विजय पंचजन्य से सुनेगी..
फिर से एक नया युग का आरंभ होगा....
जिसमें सिर्फ और सिर्फ साम्यबादत का राज होगा...

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