गुन्हा

हमने तुमको चाहाँ
यह था पहला गुन्हा
हमने तुम को दिल दिआ
      यह था दुजा गुन्हा
हमने तुम को मन मंदिर मैं बसया
      यह था तिजा गुन्हा
हमने जागा रात रात तुम्हारे लिए
      यह था चौथा गुन्हा
हमने जलाया दिया तुम्हारे लिये
      यह था पांचबा गुन्हा
हम गुन्हा के बाद गुंन्हा यूँ करेंगे
      राजी हैं सारी सजा भुगतने को
चाहैं आए कोइ भि बला
गुन्हा करना हम कम ना करेंगे .......

Comments

Popular posts from this blog

कोइ खास

मुबारक

तुमसे गुज़ारिश