हकीकत या......
तुम आज कल सुबह में आते हो
शाम
में आते हो
बसंत
में आते हो
पतझड
में आते हो
भिड
में आते हो
तनहाई
में आते हो
अंधेरे
में आते हो
उजाले
में आते हो
हर
पल हर लम्हे में आते हो
ख्वाब
बनकर
पर पता नहीं कब आओगे
जिंदगी मैं हकिकत बनकर??????
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