जरुरत

राही को मंजिल कि जरुरत है
चांद को रात कि जरुरत है
मौर को घटा कि जरुरत है
कोयल को बसंत कि जरुरत है
प्यासे को शावन कि जरुरत है
भँवरों को फूलों कि कि जरुरत है
तितलियों को रंगों कि जरुरत है
बादलों को आसमान कि जरुरत है
परवानों को शमा कि जरुरत है
संगीत को राग कि जरुरत है
पेड़ों को पानी कि जरुरत है
लेकिन मुझ पागल प्रेमिका को
सिर्फ तुम्हरी जरुरत है ।

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