भगवान

कौन कह्ता है भगवान नहीं है
केसे कर लो यांकी
अगर वह नहीं है तो दिन रात केसे होते है
सुरज केसे आता है और जाता है
चांद आपनी घुंघट खोले दरशन देता केसे
जो चला जाता है आता नहीं क्यों
तब कह्ते है सब लोग भगवान को प्यारा है यूँ
कभि कह्ते है लोग भगवान है
कभि कह्ते नहीं
तुम भगवान खुद आकर बतादो
तुम्हरा कोइ असित्व है ना नहीं

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