शाम

तुझसे प्रित लगाई है शाम
न किसि और कि जरुरत न किसि और का साथ चहिए
तुझसे हि शुरु जिंदगि तुझ पे हि खतम
तु साथ हे तो न किसिका सहारा चहिए
तुझसे प्रित लगाई है शाम.....
तेरी जोगन बनगई ओ शाम तेरे लिए हर साँसो  बारॉ
तुहि अब सबकुछ है शाम
तुझसे प्रित लगाई है शाम.

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