इतनी भी ......
इतनी भी खामोसी ठीक नहीं
जो दूसरों को दर्द देता हों
इतनी भी मिठास ठीक नहीं
जो दूसरों को दर्द देता हो
इतनी भी कड़वाहट ठीक नहीं
जो दूसरों को दर्द देता है
इतनी भी मोहबत ठीक नहीं
जो दूसरों को दर्द देता है
इतनी भी सरारत ठीक नहीं
जो दूसरों को दर्द देता है
इतनी भी भोलापन ठीक नहीं
जो दूसरों को दर्द देता है
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