भगबान

भगबान तुम कहाँ हो
दुख के समय पर तुम्हे क्यों धुढा जाता है
सुख के समय मैं क्यों नहीं
तुमने एस ब्योह क्यों बनाया है
क्यों इनसान को एहसान फोरामस बनाया है
क्यों तुमने एसा क्या
अगर एसा करना हि था
तो मुझे इनसान क्यों बनाया
कभी कभाया इस जनम पर रोष आता है
तुमने मुझे इस जग मैं क्यों भेजा
अपने अंदर क्यों मुझे समाया  नहीं

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