अकेले
आज से हम अकेले है
क्यूँकि हर एक रिश्ते नातों को हम मिटा चुका है
जब हर कोई अपना वेगानो की तरह हरक़त
करते हुए धोका देता है
उसे बेह्तर अकेले रहना ही है
जिन लोगों को आपना माना
उन्होने ही सबसे ज्यादा चोट मुझे दिया है
हर पल मुझे खुन के आँसूँ रुलाया है
मेरे हर एक मुस्कुराह्ट को छिन लिया है
अकेले रहने की आदत डाल रही हूँ
सुक्र है इसमें दिल टूट नहीं सकता
कभी किसीकी सुख या दुख की
एहसास कर नहीं सकती
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