प्यासा
प्यासी
कोयल के
इंतेजार
है बसन्त का
प्यासी
मधुमखि को
इंतेजार
है सहद का
प्यासी
धरती को
इंतेजार
है सावन का
प्यासी
चन्दनी को
इंतेजार
है रात का
प्यासी
समा को
इंतेजार
है परवाना का
प्यासी
कलियों को
इंतेजार
है हवा का
सबके
इंतेजार का वक़्त है
पर
मुझे किसका इंतेजार है
यह
मुझे खुद पता नहीं है
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