सजा ए इस्क़

प्यार करने क इतना बड़ा सजा तुमने मुझको दे दिआ
दिल लगाने का इतना बड़ा इनाम मुझे दे दिआ
ज़िंदगी भर के लिए याद रहेगा
अगर हमसे दुर रहने क इतना शौक था
हमसे दामन छुड़ाना हि था
तो हमसे दिल लगाया क्यों लगाया था
हमको मोहबत के बारे मैं सिखाया क्यों था
हमारे आँखों मैं आँसूँ देन हि था
तो होठों पे हँसी की बरिश क्यों लाए थें
अगर ग़मों क सामना करन ही था
तो खुसि को सामने क्यों लाए?
क्यों तुमने एसा किआ
जितेजि हमको मार दिआ

Comments

Popular posts from this blog

कोइ खास

मुबारक

तुमसे गुज़ारिश