गुस्सा
गुस्सा आता है अपने आप पर
आपनी पेदैसि पर अपने बजुद पर
गुस्सा आता है अपने दिल पर
अपने दिमाग पर
अपने आप पर
जि चाहंति हूँ
वह खोति हूँ
जो कहना चाहंति हूँ वह कह नहीं
पाति हूँ
जो करना चाहंति हूँ वह कर नहीं पाति हूँ
इस तरह जिने क क्य फायदा है
इसे तो अछा मरजाना है
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