लम्हा चाह्त का
बदल गए हो या बदलने कि कोशिश मे हो
अनजाना हो कर बेगना बन कर
हाथो को दामन से छुडा लिआ
दर्द तुमने एसा दिआ
आसु भि सायद कम लगेगा
चेन करार को छिन लिआ
जितेजि हमको मार दिआ
हर लम्हा का गला घोट दिआ
प्यार का एसा तोफा दिआ
चाह्ती थि तुमको चाहती हूँ तुमको
चाहती रोहंगी तुमको
चाहे एसी ही लाख दुख सही
फिर भी मानोंगी तुमको आपना
करती रहोंगि तुमको प्यार
चाहे सुबह हो या शाम
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