लौटा दो इनका जवान
मुझे कहनी है कितनी बात तुमसे
मगर तुम सुनते रह्ते हो
कभी अपना मुँह नहीं खोलते हो
कभी कोई सुलझाब नहीं देती हो
कैसे आदमी हो तुम
इतने गुमसुम कैसे हो तुम
किस मिट्टीम के तुम बने हो
जो इतना सुनने के बाद चुप है
है भगबान इनके मुँह में जवान डालना
तुम भुल गए
अगर तुम भुलगए तो में तुम्हें याद दिलाती हूँ
जल्दी इनका जवान लगा दिजिए
मुझे इनसे बात सुननी है
कितने सुझाब लेनी है
जल्दी से इनकी जवान लगा दीजीए
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