मेरी बेचैनी

अपनी बेचेनि बेबसी को दबाने कि कोशिश करति हूँ
     आँखों से अस्को को छुपाने कि कोशिश करति हूँ
   अपनी तन्हाईयों से लढने कि कोशिश करति हूँ
      ज़िंदेगी को अपने दम से जिना है, अपने आपको सच्चा साबित करना है
   इसलिए हमेशा अलग सि दुनिया में रहती हूँ
      हर नामुमकिन को मुमकिन करने में लगि रहति हूँ,
   समाज कि खोखेलेपन से निकलने कि कोशिश करति हूँ
      उमिद न कभी छोड़ति हूँ , अपने आप से लढति हूँ,
 कभी गिरति हूँ, कभी संभलति हूँ, पर कोशिश ना छोड़ती हूँ,
पर कोशिश ना छोड़ती हूँ,…….

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