तन्हा दिल
तन्हा दिल तन्हा सफर तन्हा उमर
फिर भि खुस हूँ यारों
न किसिके जाने क गम न किसिके
आने का इंतेजार
फिर भि खुस हूँ यारों
खुद कि आंगन मैं खुस खुस हूँ
यारों
न किसिके आगे झुकना हैं
न किसिके गुरुर को सहना हैं
न किसिको खुस करने कि कोशिश करना हैं
न किसिके दिल को जितना हैं
न किसिके तोर तरिके को सिखना हैं
न अपने आप को बदला ने हे..
न सम्झोता से जिंदगी जिना हैं
न अपने अपको तबह करना हैं
तन्हा दिल तन्हा सफर तन्हा उमर
फिर भि खुस हूँ यारों
तन्हा दिल तन्हा सफर तन्हा उमर
फिर भि खुस हूँ
यारों......
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