कहीं खो गयि थी

कहीं खो गई थी मानों गुम हो गई थी       
दुनिया से रूठ गई थी
आज फिर से खिलखिलाने लगी
मासूम बनने लगि सोलह साल कि ज़िंदगी जिने लगी
न जाने आज क्यों एसा लगा है
हवा का रूह बदलने लगा है
फिर से सुनहरा पल वापस आने लगा हैं
थमी हु़ई ज़िंदगी मानों फिर से चलने लगी
कहीं खो गई थी मानों गुम हो गई थी
दुनिया से रूठ गई थी
आज फिर से खिलखिलाने लगी

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