अपनी पहचान

मे गुसेवाली हुँ, वेकावु हुँ, सर्फिरि हुँ
लेकीन मुझे किसीसे कोइ  शिकायत नहीं
क्यूँ की मुझे अपने आप पर विस्वास है
जिसने मुझे बनाया है उस पर विस्वास है
अगर इस जहाँ मे रहना है तो सायद मुझे इस तरह बनकर रहना है
यह उसकी इच्छा है
में उसको मानती हुँ तो उसकी इच्छा की कदर करना मेरा धर्म है

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