एहसास
जब आसमान कि गहराई को देखति हूँ
तब आपको एह्सास करति हूँ
जब सागर कि गहराई को देखति हूँ
तब आपको एह्सास करति हूँ
जब धरति कि हरापन देखति हूँ
तब आपको एह्सास करति हूँ
जब फूलों को खिलता हुआ देखति
हूँ
तब आपको एह्सास करति हूँ
जब सुरज कि किरणों को देखति हूँ
तब आपको एह्सास करति हूँ
जब चांद तारों को मुस्कुराता
देखती हूं
तब आपको एह्सास करति हूँ
जब मंदिर की घंटी बजती है
तब आपको कुछ ज्यादा एह्सास करति हूँ
आप तो भगवान ही अंतर्यामी है
तो बताईए ज़िंदगि मैं क्या एहसास
हि सब कूछ हे ?
या इससे बड़ कर और कोइ बंधन हैं ?
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