सबकुछ सुना सुना
तुम्हारे बिना हर त्यहार
मातम सा लगता है
तुम्हारे बिना हर सुख
दुख सा लगता है
तुम्हारे बिना हर उजाला
अंधेरा सा लगता है
तुम्हारे बिना सबकुछ
सुना सुना लगता है
तुम्हारे बिना हर रंग
बेरंग सा लगता है
तुम्हारे बिना हर मिठास जाहर सा लगता है
तुम्हारे बिना सबकुछ
सुना सुना लगता है
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