प्राथना

कहते है भगबान दुख सुख के साथी है
जब दिल से बुलाओ तब आ जाते हैं
मेने तो आज तक आपको देखा नहीं
फिर भी मुझे लग्ता है आप मेरे आसपास हो
आप एक्बार मुझे अपनी रुप दिखा दिजिए
इस मनको थोड़ी सी शांति दीजिए
इतनी करती हूँ प्राथ आपसे
आप इसे स्वीकार कीजिए

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