चाहत दिल का
जाने जब तुम पास आते हो
तब में तुम्हें कुछ कह नहीं पाती हुँ
जब तुम दुर चले जाते हो
तब जी चाहता है सबकुछ कह दूं
लेकिन यह हो नहीं पाता है
एसा क्यूँ होता है
दिल में बेचेनीआ क्यूँ बढ़जाती है
तुम्हे देखकर मुझे यह क्या होता है
खुद मुझे इसके बारे में कुछ पता नहीं हैं
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