सिकायत
रश्मो की वादो को कैसे भुलाए
वफा से बेवफा कैसे बनगए
चाहत का वादा कैसे भुलगए?
सारी उमर के लिए गम दे गए
कैसे तुम एसे बनगए
आँखों में आँसू दे गए
दिल को तोड़ के चले गए
हमे मरने के लिए छोड़ गए
रश्मो की वादोन को भुलाए
वफा से बेवफा बनगए
इतना तुमने रुलाया है
आँखों में अब आँसू नहीं है
रश्मो की वादोन को भुलाए
वफा से बेवफा बनगए
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