मौसम
यह समा यह मौसम कहती है क्या
हमारे मिलन का हैं इसे इंतज़ार
हवा कहती हैं वह चलेगी तेजसे
ले ना सकेगा कोई हमको हमिसे
चांद कह्ता है बनेगा घूंघट मेरा
सितारे कह्ते हैं बनेंगे गबह मेरा
अंबर कह्ता है बनेगा मेरा चादर
सुकरगुज़ार हूँ में तुम सबका
जो चाहतें हो तुम लोग हमे इतना
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