निगाहों

आपसे मिलने को निगाहें तरस गए हैं
मिलने से आपका दिल बेकरार हो गया है
कब इन निगाहों को आपका दर्शन मिलेगा
कब दिल की मुराद पूरी होगी
जाने वो दिन कब आयेगा
जब यह निगाहें फिरसे चार होंगी
आपसे यह दिल फिर मिल पायेगा
दुआ करती हूँ खुदा से मेरी मुरादो को पुरा
करने के लिए
उम्मीद है खुदा इसे जरुर पुरा करेगा

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