अलफाज ए दिल

जाने क्यों लिखने को दिल कर रहा है
दिल के जज़बात कागज पर उतार ने को मन कर रहा है
आज फिर से हम हम बन गए
फिर से वही जज़बात कलम बनकर पन्नों पर उतर रहा है

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